2-DG (2-Deoxy-D-Glucose Oral Powder) Use in hindi. drdo 2-deoxy-d-glucose .2-deoxy-d-glucose details

 2-Dg (2-deoxy d glucose) drug use   in Hindi || sides effects ||

 

2-Deoxy-D-Glucose Oral Powder Use in hind


Composition- (2-Deoxy d glucose)

 Company-  यह ‌दवाई"डीआरडीओ"तथा"डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरीज"साथ मिलकर बनाई गई है।

* JAANKARI "2 DG MEDICINE"

कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए, तथा कोरोनावायरस से बिगढ़ते हालातों को देखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने गंभीर कोविड -19 मरीजों के लिए एक सहायक चिकित्सा के रूप में दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) (drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. 

इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की एक लैब ने तथा डॉक्टर रेड्डी  लैबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) के साथ मिलकर ये दवा  बनाई है। 

कुछ लोग इसे एंटी- कोविड  ड्रग कह रहे है,तो हम इसे एंटी-कोविड ड्रग नहीं कह सकते है,ऐसा मेरे मानना है, इस  दवा का परिक्षण कैंसर संबंधी रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा था,लेकिन जब कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ा तो फिर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन(DRDO)ने इस दवा का परिक्षण कोरोना वायरस में किया जिसमें पाया गया कि इस दवा से अधिकतर मामले सही हो रहे है, तथा यह दवा 65 साल उम्र वाले लोगो को भी असर करेगी। 

कई परिक्षण करने के बाद डीआरडीओ ने इस दवा को कोरोनावायरस के लिए बना दिया। 

(Corona virus)
यह दवा डीआरडीओ तथा डॉक्टर रेड्डी  लैबोरेटरीज द्वारा पाउडर फॉर्म में बनाई गई है,जिसे पानी में घोल कर पीना होता है यह एक ग्लूकोज की तरह होता है लेकिन यह ग्लूकोज नहीं है।

1.यह दवा कार्य कैसे करती हैं???

अब बात करते है कि यह दवा काम कैसे करती है, तो अगर हम बात करे हमरे शरीर में किसी भी कोशिका को जीवित रहने के लिए इसे न्यूट्रीशन के जरूरत होती है,तो उस कोशिका को जीवित रखने के लिए जो न्यूट्रीशन की जरूरत होती है वो ग्लूकोज होता है ग्लूकोज  किसी भी कोशिका को जीवित रखने में सहायक होता है तथा यह दवा एंटी ग्लूकोज का कार्य करती है एंटी ग्लूकोज का कार्य यह होता है,कि वह हमारे शरीर में ग्लूकोज को रोकने का कार्य करती जिससे कोशिकाओं का समय काल कम हो जाता है, और वे कोशिकाएं शरीर में खत्म हों जाती है।तो यह दवा कोरोनावायरस में भी इसी प्रकार कार्य कर रही है कि यह दवा कोशिकाकाओं को खत्म कर देती है जिससे कोरोनावायरस आगे नहीं बढ़ता है और वही खत्म हो जाता है क्योंकि उस बढने के लिए कोशिकाओं कि जरूरत होती है,जब कोशिकाओं को यह दवा खत्म कर देती है तो 

कोरोनावायरस भी खत्म हो जाता है इस दवा  कि और बात करे तो डीआरडीओ का कहना है यह दवा अपने आप संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करके उसे खत्म कर देती है।

यह दवा काफी हद तक ग्‍लूकोज जैसी है, मगर ग्‍लूकोज नहीं है। वायरस शरीर में पहुंचते ही अपनी कॉपीज बनाना शुरू कर देता है, इसके लिए उसे ताकत चाहिए होती है जो उस ग्लूकोज से मिलती है।

जब यह दवा दी जाएगी तो वायरस इस ग्‍लूकोज एनालॉग को लेगा और उसी में फंस जाएगा। नतीजा ये होगा कि वायरस अपनी कॉपीज नहीं बना पाएगा यानी उसकी ग्रोथ रुक जाएगी।

इस दवा के प्रयोग से लोगो में ऑक्सीजन की भी जरूरत पूरी होती है जिसके कारण अब इस समय अस्पतालों में ऑक्सीजन की उतनी जरूरत नहीं पड़ रही है जितनी की पहले थी।

तो यह दवा एक प्रकार से ऑक्सीजन को भी बनाए रखती है।

 2.इस दवा का साइड इफेक्ट्स 

इस दवा के परिक्षण के समय तक कोई  दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है तो अभी तक यह बात अज्ञात है कि इस दवा का कोई दुष्प्रभाव है।


यह सारी बाते बस एक जानकारी के लिए लिखी जा रही है इस लेख के माध्यम से आप किसी भी दवाई का प्रयोग ना करे, क्योंकि ये होती है एलोपैथिक दवाई जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है।

तो आप इस दवा का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के ना करे।

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