Sulbacin 375 mg Tablet Uses,Side effect,compositon,Dosages in Hindi.

सुलबासिन-375 टैबलेट का प्रयोग,दुष्प्रभाव,कम्पोजीशन,खुराक हिंदी में (Sulbacin-375 mg Tablet Uses,Side effect,compositon,Dosages in Hindi.)

Sulbacin 375 mg Tablet Uses,Side effect,compositon,Dosages in Hindi.

Brand Name -Sulbacin 375 mg

Company Name-Torrent pharmaceutical Ltd.

Composition- Sultamicillin(375 mg)

स्टोरेज के निर्देश

Store below 30°C 


सुलबासिन टैबलेट की जानकारी 

Sulbacin Tablet डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है,जो मेडिकल स्टोर से टैबलेट दवाओं के रूप में मिलती है। इस दवा का उपयोग विशेष रूप से बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है

Sulbacin Tablet  को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। यह खुराक मरीज की परेशानी और दवा देने के तरीके पर निर्भर करती है। Sulbacin Tablet में सुल्टामिसिलिन(Sultamicillin 375) उपस्थिति होता हैं। 

सुल्टामिसिलिन एक संयोजन एंटीबायोटिक होता है जिसका प्रयोग बैक्टीरियल संक्रमण में किया जाता है, इस दवाई में एम्पिसिलिन(Sulbacin Tablet uses in hindi)और सुल्बैक्टम होता है। इसका उपयोग कुछ जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है जैसे कि:

सुल्टामिसिलिन का उपयोग  

1.मूत्र पथ संक्रमण

2.श्वसन संक्रमण

3.त्वचा संक्रमण

4.निमोनिया,ब्रोंकाइटिस

5.नरम ऊतक संक्रमण

6.पेट में संक्रमण

7.अतिसंवेदनशील सूक्ष्मजीवों के कारण कोई अन्य संक्रमण।

1.मूत्र पथ संक्रमण

Sulbacin tab का प्रयोग  मूत्र पथ का संक्रमण (यूटीआई) एक बैक्टीरिया जनित संक्रमण है जो मूत्रपथ के एक हिस्से को संक्रमित करता है।जब यह मूत्र पथ निचले हिस्से(sulbacin 375 uses in hindi) को प्रभावित करता है तो इसे सामान्य मूत्राशयशोध (मूत्राशय का संक्रमण) कहा जाता है और जब यह ऊपरी मूत्र पथ को प्रभावित करता है तो इसे वृक्कगोणिकाशोध (गुर्दे का संक्रमण) कहा जाता है। 

निचले मूत्र के लक्षणों में दर्द सहित मूत्र त्याग और बार-बार मूत्र त्याग या मूत्र त्याग की इच्छा (या दोनो) शामिल हैं जबकि वृक्कगोणिकाशोध में(sulbacin 375 uses in hindi) निचले यूटीआई के लक्षणों के साथ बुखार और कमर में तेज दर्द भी शामिल होते हैं। 

बुजुर्ग व बहुत युवा लोगों में लक्षण अस्पष्ट या गैर विशिष्ट हो सकते हैं। दोनो प्रकार के संक्रमणों के मुख्य कारक एजेंट एस्केरीशिया कॉली हैं,हलांकि अन्य दूसरे बैक्टीरिया, वायरस या फफूंद भी कभी कभार इसके कारण हो सकते हैं। 

इस प्रकार UTI एक बैक्टीरिया(Sulbacin Tablet side effects) होता है इसलिए इस Tablet का प्रयोग बैक्ट्रियल इन्फेक्शन  में भी होता है और मूत्र पथ संक्रमण एक बैक्टीरिया के द्वारा उत्पन्न होता है इसलिए इसका प्रयोग मूत्र पथ संक्रमण में किया जाता है।

2.श्वसन संक्रमण(Respiratory Infection)

श्‍वास लेने में सहायक अंग जैसे-नाक,गला,श्‍वास नली,फेंफडे एवं कान आदि अंग बैक्टीरिया के संक्रमण से संक्रमित हो जाते है ,जिसमें श्‍वास लेने(Sulbacin Tablet side effects) में भी कठिनाई हो सकती है, जिसे  तीव्र श्‍वसन रोग कहते है  खांसी, श्‍वसन नली संक्रमण,निमोनिया एवं कान का संक्रमण,साइनोसाइटिस आदि तीव्र श्‍वसन रोगों की श्रेणी में आने वाली प्रमुख बीमारियॉं हैं,तथा कम श्वसन संक्रमण की प्रमुख बीमारी में जुकाम तथा खांसी है।

यूआरटीआई (URTI) का पूरा नाम ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (Upper Respiratory Tract Infection) है। श्वसन तंत्र या श्वसन पथ नाक से शुरू होकर एल्वियोली (मनुष्यों के फेफड़ों की सबसे छोटी क्रियात्मक इकाई) तक(sulbacin 375 uses in hindi) फैला होता है। इसलिए इस दवाई को एंटीबॉयटिक के तौर पर श्वसन संक्रमण में दी जाती है।

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3.त्वचा संक्रमण(Skin Infection)

स्किन इन्फेक्शन मुख्य रूप से बैक्टीरिया,वायरस या(sulbacin 375 uses in hindi) फंगस के कारण होता है और शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। यह इन्फेक्शन आमतौर पर त्वचा में कोई कट, खरोंच या चोट लगने के बाद शुरू होता है तथा जब कोई जानवर काट लेता है तो भी त्वचा संक्रमण हो जाता है जिससे  स्किन पर खुजली तथा लालिमा पड़ जाती है, तथा स्किन इन्फेक्शन को फंगल इंफेक्शन भी कहा जाता है तथा फंगल इंफेक्शन कई प्रकार के होते है जिसके इलाज में कई प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है जिसमें Sulbacin tab भी हो सकती है,इसलिए Sulbacin tab का प्रयोग त्वचा संक्रमण में किया जाता है।

4.निमोनिया(Pneumonia)

निमोनिया वह बिमारी हैं(sulbacin 375 composition) जो फेफड़ों में संक्रमण से  होता है। यह मुख्य रूप से विषाणु या जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह बैक्टीरिया,वायरस अथवा पेरासाइट्स के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा निमोनिया सूक्ष्म जीव,कुछ दवाओं, और अन्य रोगों के संक्रमण से भी हो सकता है।

निमोनिया डाक्टरों से अनुसार एक गंभीर बीमारी है। इस रोग में फेफड़ों में सूजन आ जाती है। फेफड़ों में पानी भर जाता है। सही समय पर लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू नहीं करने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।  निमोनिया के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जैसे-

निमोनिया का मुख्य लक्षण खाँसी है।

1.रोगी कमजोर और थका हुआ महसूस करता है।

2.बलगम वाली खाँसी से ग्रस्त होना।

3.रोगी को बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी भी हो सकती है।

4.रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है, या फिर वो तेजी से सांस लेने लगता है।

5.सीने में दर्द होना।

6.बेचैनी महसूस होना।

7.भूख कम लगना।

निमोनिया वैसे तो कई प्रकार का होता है लेकिन हम आपको कुछ ही निमोनिया के प्रकार बताएंगे--

1.बैक्टीरियल निमोनिया (Bacterial Pneumonia)

2.वायरल निमोनिया (Viral Pneumonia) 

3.माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumonia)

4.एयरबोर्न परेशानियों

5.वायरस

6.कवक।

निमोनिया को प्रबंधित करने के लिए जिन चीज़ों से बचना हैं?

1.धूम्रपान से बचें क्योंकि धूम्रपान करने वालों को संक्रमण होने की अधिक संभावना है।

2.ठंड, निमोनिया या अन्य श्वसन पथ संक्रमण वाले लोगों के करीब जाने से बचें।

3.अपने आप को बहुत अधिक थकाएं न क्योंकि इससे धीमा स्वास्थ्य लाभ  हो सकता है।

सुलबासिन टैबलेट को कैसे ले?(How to Take Sulbacin Tablet)

सुलबासिन टैबलेट खाने के साथ या बिना खाना खाए भी लिया जा सकता है,डॉक्टर द्वारा निर्धारित शेड्यूल के अनुसार आपको नियमित रूप से समान अंतराल पर इसे लेना चाहिए इसे रोज एक ही समय पर लेने से आपको इसे लेना याद रहेगा कि आपने कल ये दवाई की समय पर ली थी तथा  इस बात पर भी निर्भर करेगी कि आप इसे किस लिए ले रहे हैं, लेकिन आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए अनुसार इस एंटीबायोटिक का कोर्स हमेशा पूरा करना चाहिए

जब तक आप पूरा न कर लें, तब तक इसे लेना बंद न करें,भले ही आपको बेहतर महसूस होने लगा हो अगर आप इसे समय से पहले लेना बंद करते हैं,तो कुछ बैक्टीरिया जीवित रह सकते हैं और इन्फेक्शन वापस आ सकता है आप कभी भी कोई एलोपैथिक दवाई का इस्तेमाल अपने आप ना करे आप इसका इस्तेमाल करने से  पहले डॉक्टर यह फिर फार्मेसिस्ट की सलाह से ही ले।

सुलबासिन टैबलेट के कुछ साइड इफेक्ट।(Side effect Of Sulbacin Tablet)

इस दवा से होने वाले अधिकांश साइड इफेक्ट में डॉक्टर की सलाह लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है क्योंकि इस दवा के बहुत ही कम साइड इफेक्ट होते है नियमित रूप से दवा का सेवन करने से साइट इफेक्ट अपने आप समाप्त हो जाते हैं अगर साइड इफ़ेक्ट बने रहते हैं या लक्षण बिगड़ने लगते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें

सुलबासिन टैबलेट के सामान्य साइड इफेक्ट

1.उल्टी

2.मिचली आना

3.डायरिया (दस्त)

सुलबासिन टैबलेट के कुछ अन्य ब्रांड(Alternative Brand Of Sulbacin 375 Mg Tablet)

1.Sultazaine 375 mg tablet

Zainarco lab Pvt limited

2.Acebact 375 mg tablet

Micro labs Pvt limited

3.Sutakind 375 mg tablet

 Ikon Remedies Pvt limited

4.Sybil 375 mg tablet

Eris life sciences Pvt limited

5.Marzon 375 mg tablet

Eris Lifesciences Ltd.

नोट

यह लेख बस एक जानकारी के रूप में लिखी जा रही,यहां पर दी गई सारी जानकारी सही हैं,फिर भी आप इस लेख के माध्यम से इस दवा का प्रयोग न करे,इस दवा के प्रयोग से पहले आप अपने डॉक्टर के सलाह जरूर ले, क्योंकि Apni Medicine इस बात की गारंटी नहीं लेता है की इस लेख में लिखी गई सारी जानकारी सही होगी,इसलिए आप इस दवा के प्रयोग से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करे।

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